भारतीय पुरातत्व का पिता किसे कहा जाता है।
सर अलेक्जेंडर कनिंघम को भारतीय पुरातत्व का पिता कहा जाता है। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की स्थापना 1861 में की थी। सर अलेक्जेंडर ने पुरातत्व के क्षेत्र सिक्के वास्तुकला शिलालेख मूर्तियों अनेकों क्षेत्र में खोज की है। उन्होंने भारत के प्राचीन इतिहास कला, शिलालेख, एवं वास्तुकला का अध्ययन करने का शुभारंभ किया इस कारण वह पुरातत्व के जनक कहै जाते हैं।
About अलेक्जेंडर कनिंघम
सर अलेक्जेंडर का जन्म 1815 में इंग्लैंड में हुआ था। कनिंघम पेशे से ब्रिटिश सेना में बंगाल इंजीनियर गु्रप में इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। परन्तु उनकी रूचि पुरातत्व एवं ऐतिहासिक भूगोल एवं भारतीय इतिहास में होने के कारण इस क्षेत्र में प्रसिद्धी हासिल की थी।
कंनिघम ने प्राचीन भारत में आये हुये चीनी एवं यूनानी पर्यटकों के बारे में विस्तृत वर्णन उनके द्वारा किया गया है। उनके द्वारा लिखी गयी पुस्तक ‘‘भारत का प्राचीन भूगोल (एंशेट ज्यौग्राफी ऑफ इंडिया) काफी प्रसिद्ध है।
उनके द्वारा कौशांबी के बारे में दिया गया मत काफी प्रसिद्ध है उनके द्वारा यह कहा गया था की कौशांबी वही पर वसा हुआ है जहॉ पर वर्तमान कौसम (जिला इलाहाबाद) है, बाद में किये सर्वेक्षण से सिद्ध हुआ की कंनिघम द्वारा दिया गया वकतव्य सही था और विशेषज्ञों ने उनके द्वारा की गयी खोज की काफी प्रशंसा की
भारतीय पुरातत्व के महत्वपुर्ण तथ्य
स्थापना :- 1861
संस्थापक :- अलेक्जेंडर कंनिघम
मुख्यालय :- जनपथ, दिल्ली
वर्तमान निदेशक :- श्रीमती उषा शर्मा
FAQ in hindi
भारतीय पुरातत्व विभाग की वर्तमान महानिदेशक कौन है
उत्तर :- उषा शर्मा
भारतीय पुरातत्व विभाग की स्थापना के समय गर्वनर कौन था।
उत्तर :- लार्ड कर्जन
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